क्लासिक फिल्म ‘तीसरी कसम’ बनने के पीछे की कहानी बहुत दिलजस्प है # 🎥पटना: पटना पुस्तक मेले के अंतर्गत चल रहे फिल्म फेस्टिवल में रविवार को लेखक अनंत जी से फेस्टिवल के संयोजक श्री रविकांत सिंह से बातचीत की। विषय था – 🪔 बिहार के शैलेंद्र🪔। कार्यक्रम का प्रारम्भ श्री अनंत को पुस्तक मेला के अध्यक्ष श्री रत्नेश्वर जी ने पुस्तक मेले के प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया।बातचीत के बाद🎥 ‘अरुणिमा’ नामक वृतचित्र प्रदर्शन भी किया गया।पुस्तक दो गुलफामों के बीच के लेखक अनंत जी ने महान गीतकार शैलेंद्र के बिहार से संबंध को और उनके द्वारा निर्मित क्लासिक कालजयी फिल्म तीसरी कसम के निर्माण की कहानी सुनाई जिसमें उन्होंने तीसरी कसम से शैलेंद्र के जुड़ाव तथा उसके मूल लेखक श्री फणीश्वर नाथ रेणु जी के संबंधों के बारे में कई अनछुए पहलू साझा किए।उन्होंने कहा कि तीसरी कसम की मूल कहानी जब पटना निवासी नवेंदु घोष ने शैलेंद्र के हाथों में सौंपा और उसके बाद शैलेंद्र पूरी आत्मीयता से बिहार के लोक के धागों से बनी गई इस कहानी पर फिल्म निर्माण का निर्णय लिया तब से वह हृदय से बिहार के होकर रह गए। यही कारण है कि रावलपिंडी में जन्म होने और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लालन पालन होने के बावजूद जब तीसरी कसम के लिए शैलेंद्र ने गीत लिखे तो उसमें बिहारीपन झलक रहा था। इसके बाद शैलेंद्र ने कई भोजपुरी फिल्मों के लिए भी गीत लिखे।इस अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म समीक्षक श्री विनोद अनुपम, वरिष्ठ रंगकर्मी श्री विजय कुमार, राजन, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के सदस्य श्री प्रशांत रंजन, श्री राकेश रंजन,समेत कई कलाकार और विद्यार्थी उपस्थित थे। तकनीकी सहयोग प्रभात शाही का रहा।सहयोग -सिने सोसाइटी, पटना संयोजक { श्री रविकांत सिंह }

हर परिस्थिति में अपना हौसला बरकरार रखें खिलाड़ी : डॉ. प्रणव कुमार बब्बू नवरात्रि के दौरान और हमेशा राज्य में सांप्रदायिक सद्भावना को मजबूत करने के प्रति संकल्प के साथ प्रथम सुकोकाई राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप संपन्न रांची 15 अक्टूबर. अधिवक्ता, समाजसेवी और झारखण्ड प्रदेश उत्कल कराटे स्कूल के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ.प्रणव कुमार बब्बू ने कहा है कि कराटे केवल एक खेल नहीं बल्कि हर हाल में बिना अस्त्र-शस्त्र के आत्मरक्षा और दूसरों की रक्षा करने का माध्यम भी है.आज प्रथम सुकोकाई झारखण्ड राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप का समापन समारोह, राजधानी के करमटोली चौक स्थित धूमकुडिया भवन में संपन्न हुआ.इस अवसर पर डॉ. बब्बू ने कहा कि झारखण्ड के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है और उन्हें हर परिस्थिति में अपना हौसला बरकरार रखना चाहिये.इस चैंपियनशिप में झारखण्ड के अनेक जिले के 300 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया. आज समापन के दौरान सभी खिलाड़ियों ने यह संकल्प लिया कि वे अगले नवरात्रि के दौरान और हमेशा राज्य में सांप्रदायिक सद्भावना को मजबूत करने के प्रति संकल्पित रहेंगे.आज के समापन समारोह में झारखण्ड विधानसभा की मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुपर्णा दत्ता, समाजसेवी श्रीमती स्वप्ना चटर्जी, समाजसेवी अभिषेक कुमार मिंकु, नृत्यागना एवं कलाकार सिम्मी गोश्वामी ने मुख्य रूप से पुरस्कार वितरण किया.इस प्रथम राज्य स्तरीय सुकोकाई कराटे चैंपियनशिप में राज्य के रांची, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग, गिरिडीह, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, दुमका आदि जिलों के छात्र-छात्रा शामिल हुए.प्रथम सुकोकाई झारखण्ड राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप आयोजन एवं देखरेख, उत्कल कराटे स्कूल झारखण्ड शाखा अध्यक्ष डॉ.प्रणव कुमार बब्बू के द्वारा किया गया. इस राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप में सभी प्रतिभागियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.प्रथम राज्य स्तरीय सुकोकाई कराटे चैंपियनशिप में प्रथम स्थान रांची जिला ने 100 स्वर्ण, 75 रजत पदक और 50 कांस्य पदक लाकर प्राप्त किया. दूसरे स्थान पर बोकारो जिला रहा जिसने 50 स्वर्ण पदक, 40 रजत पदक और 30 कांस्य पदक प्राप्त किया. तीसरे स्थान पर हजारीबाग की टीम रही जिसने 40 स्वर्ण पदक, 30 रजत पदक और 25 कांस्य पदक प्राप्त किया.इस प्रतियोगिता के जूनियर मेल इंडिविजुअल काटा में प्रथम स्थान रांची के दिव्यांश श्रीवास्तव दिव्यांश, द्वितीय स्थान राहुल कुमार बोकारो, तृतीय स्थान रोहित सिंह हजारीबाग ने जबकि बालिका वर्ग सीनियर में प्रथम स्थान पलक साहु रांची, द्वितीय स्थान रानी कुमारी खूंटी और तृतीय स्थान सपना कुमारी बोकारो ने प्राप्त किया. कैडेट मेल काटा अर्णव सिन्हा प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान पर संजीत कुमार खूंटी और तृतीय स्थान पर धनबाद के कुमार गौरव रहे.इस राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप में निर्णायक के रूप में संसाई विमलदीप लाल, संसाई संदीप लाल, संसाई महादेव गोप, संसाई चंदन कुमार, अमृत मुंडा, आशीष भुट कुमार, विक्रम कुमार नायक, राहुल कालिंदी, सूरज चिक बढ़ाइक, आशु तिर्की, आकांक्षा तिर्की, नकुल यादव, पायल कुमारी, रवि कुमार, आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

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