*देश की राजधानी दिल्ली में ग्यारह स्वयंसेवी संगठनों और इक्कीस कलाकारों का सुर ताल संगम के मंच पर हुआ सम्मान*सुप्रसिद्ध सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था सुर ताल संगम ने देश की राजधानी दिल्ली में सुरों की लता नाम से एक संगीतमयी श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन भारत रत्न लता मंगेशकर की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर किया। जिसमें देश के अलग अलग हिस्सों से आमंत्रित कलाकारों ने अपनी स्वरांजली गणमान्य अतिथियों एवं दर्शकों से खचाखच भरे हुए प्रेक्षागार में देकर लता मंगेशकर के चित्र पर पुष्प एवं माल्यार्पण करके बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए अंतरराष्ट्रीय संगठन जीकेसी के संस्थापक अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रागिनी रंजन ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया तथा लता मंगेशकर स्मृति में होने वाले इस कार्यक्रम की भूरि भूरि सराहना करते हुए सभी कलाकारों और संस्था के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दीं।सर्वप्रथम संस्था की डायरेक्टर अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त दूरदर्शन कलाकार डॉ जया श्रीवास्तव ने अपने पुत्र अविजित के साथ लता जी के शास्त्रीय भजन से स्वरांजली दी। इसके बाद ठुमक चलत रामचंद्र, मेरी आवाज़ ही पहचान है, जाने क्यूं लोग, तुम्हीं मेरे मंदिर, चंदन सा बदन जैसे सदाबहार गीतों पर ऐमन, अमन, राखी, दिवाकर, कामना, मानसी, डॉ आनंदिता, मनीष, आशा, भूषण, सुमन शर्मा आदि लोकप्रिय गायक गायिकाओं ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का रोचक संचालन बहुआयामी व्यक्तित्व किशोर श्रीवास्तव ने किया। संस्था के पदाधिकारियों में सहर जावेद फारुकी, सुमन शर्मा, डॉ आर के यादव द्वारा सभी अतिथियों को अंगवस्त्र, बुके तथा स्मृति चिन्ह आदि भेंट कर सम्मान किया गया। सभी ने कार्यक्रम के सफल आयोजन की समवेत स्वर में प्रशंसा करते हुए डॉ जया श्रीवास्तव के प्रयासों को साधुवाद दिया। कार्यक्रम के अंत में सुर ताल संगम संस्था के प्रमुख पदाधिकारियों ने दिव्यांग जनों सहित देश भर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले ग्यारह स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों और अध्यक्षों को माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह प्रशस्ति पत्र आदि देकर सम्मानित किया।@vikkindiamedia” every solution under one banner” all print rights are reserved

साउथ एशिया वुमेन फिल्म फेस्टिवल 2023

दिनांक: 06 फरवरी 2023, स्थान: चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान पटना
साउथ एशिया महिला फिल्म फेस्टिवल के तीसरे पड़ाव पर ‘डिकोडिंग जेंडर’ फिल्म का प्रदर्शन हुआ
फिल्म फेस्टिवल के तीसरे पड़ाव पर आज चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान पटना में ‘डिकोडिंग जेंडर’ फिल्म का प्रदर्शन हुआ |
साउथ एशिया वुमेन फिल्म फेस्टिवल के तीसरे पड़ाव के उद्घाटन स्तर में डॉ. राणा सिंह, निदेशक चन्द्रगुप्त प्रबंध
संस्थान पटना द्वारा किया गया | अपने उद्बोधन में उन्होंने इस महोत्सव को चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान आयोजित करने के
लिए कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी को धन्यवाद दिया साथ ही उन्होंने संस्थान के थियेटर में
उपस्थित सभी छात्र / छात्राओं से तालियों के साथ धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए भी कहा | मंच पर बैठे सभी गणमान्य
अतिथियों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हमलोगों ने बदलते बक्त को देखा है | भारत ने ही समस्त विश्व को यह
सन्देश दिया है ‘यत्र नारी पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ सभी शक्तियां देवी में ही निहित हैं | माँ सरस्वती शिक्षा की तथा
माँ लक्ष्मी धन की देवी हैं, सभी महत्वपूर्ण पोर्ट फोलियो देवियों के पास ही है | आज बदलते वक्त के साथ फिल्मों में भी
नए नए प्रयोग हो रहे हैं | इससे मानसिकता में भी नए आयाम स्थापित होंगे | उन्होंने ने कहा कि इस फेस्टिवल में काफी
अधिक संख्या में उपस्थित छात्र / छात्राएं अपना कोर्स समाप्त कर लिया है और उन्हें अच्छी जगहों पर नियुक्ति भी मिल
गई है, ये फिल्म के प्रति काफी उत्साहित भी दिख रहे हैं | उन्होंने कहा कि हम ज्ञान और कौशल के अधिष्ठाता रहे हैं |
युवा पीढ़ी अपने मनोयोग के साथ यह प्रयास करे कि भारत कैसे पुनः कैसे विष गुरु बने | आर्थिक आज़ादी कैसे लाया
जाए इसपर ध्यान दें | अपनी सांस्कृतिक विरासत को जन जन तक ले जाएँ और अपने देश के उज्जवल भविष्य की
कामना करें |
रंजीत तिवारी, चेयरपर्सन चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह की फ़िल्में समाज को जोड़ने
का काम करती हैं हमें उन फिल्मों को बढ़ावा देना किएवं सराहना चाहिए | हमरी पीढ़ी को तो महिला और पुरुष में
भेदभाव के अंतर को समझ नहीं आया लेकिन आने वाली पीढ़ी को समझ में आएगा | अब अंतर समझ में आ भी रहा है |
हम प्रयास करें कि देश को एक लय में ले जा सकें, संकल्प लें देश को विकसित बहरत बनायेंगे |
साउथ एशिया ट्रस्ट नेपाल के प्रोग्राम मैनेजर पावस मनंधर ने अपने संबोधन में आज प्रदर्शित होने वाली दोनों फ़िल्में
क्रमशः ‘डिकोडिंग जेंडर’ एवं सीता के बदलते रूप के बारे में विस्तृत जाकारी देते हुए साऊथ एशिया ट्रस्ट के उद्देश्यों के
बारे में भी बताया | उन्होंने इस बारे में भी बताया कि महिला एवं यौन हिंसा दक्षिण एशिया में कितना प्रभावी है इसे
मीडिया में कैसे दिखाया जाता है | उन्होंने बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड तथा कला, संस्कृति
एवं युवा विभाग को धन्यवाद दिया और अंत में कहा कि फिल्म प्रदर्शन के बाद फिल्म से संबंधित प्रश्न का उत्तर भी देंगे |
जानी मानी प्रख्यात अभिनेत्री संगीता रमण ने अपने संबोधन में मंच पर आसीन सभी गणमान्य अतिथियों को धन्यवाद
देते इस समारोह में उन्हें आमंत्रित किये जाने हेतु राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड तथा कला, संस्कृति एवं
युवा विभाग के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की | अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज सिनेमा में बहुत बदलाव हो रहे
हैं | कुश फ़िल्में अह्मारे जीवन में अपना अमिट छाप छोड़ रहे हैं | फिल्म विधा की और युवाओं का रुझान काफी बढ़ रहा
है | एक समय था जब महिलाएं घर से बहार नहीं निकलती थीं | आज बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है | कहते हैं
न कि ‘कहाँ न जाए रवि, वहां जाए कवि’ | युवा वर्ग की महिला और पुरुष को ‘इस पथ का उद्देश्य नहीं है, श्रांत भवन
में टिक जाना, किन्तु पहुंचना उस सीमा तक जिसके आगे राह नहीं है’ कहते हुए अपने वक्तव्य को समाप्त करते हुए
सबको धन्यवाद दिया |
सुषमा कुमारी, विशेष कार्य पदाधिकारी, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने अपने संबोधन में कहा कि फ़िल्में समाज का
आईना है | लोगों को शायद Contemporary फिल्म अच्छी न लगे लेकिन इन फिल्मों में इतनी शक्ति होती है कि वे उन्हें
Sensitize कर सकें | समाज में संतुलन बनाकर चलना होगा | विकास सिर्फ भौतिक नहीं होनी चाहिए हमें बैद्धिक भी
चाहिए | उन्होंने कहा कि साऊथ एशिया ट्रस्ट द्वारा काफी संवेदनशील फिल्मों का चयन किया जाता है |
मो. तारिक इक़बाल, संयुक्त सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के उपरांत साउथ एशिया
महिला फिल्म फेस्टिवल के तीसरे पड़ाव पर ‘डिकोडिंग जेंडर’ फिल्म तत्पचात् ‘सीता के बदलते रूप’ फिल्म प्रदर्शित


साउथ एशिया वुमेन फिल्म फेस्टिवल 2023
दिनांक: 07 फरवरी 2023, स्थान: चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान पटना
साउथ एशिया महिला फिल्म फेस्टिवल के पांचवे दिन हुआ ‘द सिटी दैट स्पोक टू मी’ फिल्म का प्रदर्शन
चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान के थियेटर में भारी संख्या में उपस्थित प्रबंधन के छात्र छात्राओं के बीच दिव्यांगो पर केन्द्रित, निहारिका पोपली द्वारा निर्देशित फिल्म ‘द सिटी दैट स्पोक टू मी’ का प्रदर्शन किया गया | इस संवेदनशील विषय पर आधारित फिल्म को सभी दर्शकों सबने काफी ध्यान से देखा तथा ऐसे लोगो पर विशेष ध्यान, सम्मान तथा अवसर देने की आवश्यकता को भी समझा | फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान द्वारा सामजिक पहल के अंतर्गत संचालित ‘ब्यूटीफुल माईंड’ से स्लम के लगभग 50 बच्चे भी उपस्थित थे | फिल्म समापन के उपरांत इस फिल्म के उद्देश्य तथा इसके सन्देश पर भी प्रबंधन के छात्रों के साथ प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया | प्रबंधन के छात्रों के लिए Basic of Advertising विषय पर विशेष सत्र संचालन के उपरांत CIMP के चेयरपर्सन रंजीत तिवारी द्वारा फिल्म साउथ एशिया, नेपाल के सहायक निदेशक श्री अलोक अधिकारी को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया | साईन लैंग्वेज में निर्मित फिल्म को देखने और इशारों को समझने का कौतुहल भी बच्चों में देखा गया | फिल्म के प्रदर्शन के बाद सभी छात्र तथा स्लम के बच्चों ने फिल्म फेस्टिवल पर आधारित कला दीर्घा का भ्रमण किया |
फिल्म साउथ एशिया, नेपाल के सहायक निदेशक श्री अलोक अधिकारी ने फिल्म को देखने और अपना समय देने के लिए सभी छात्रों को धन्यवाद दिया | कल 08 फरवरी को पटना निफ्ट में साउथ एशिया वुमेन फिल्म फेस्टिवल के अंतर्गत फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा | फिल्म फेस्टिवल का विधिवत समापन 09 फरवरी को निफ्ट में किया जायेगा |

प्रेस विज्ञप्ति
साउथ एशिया वुमेन फिल्म फेस्टिवल 2023
दिनांक: 08 फरवरी 2023, स्थान: राष्ट्रीय फैशन प्रोद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) पटना
साउथ एशिया महिला फिल्म फेस्टिवल का कारवां पहुँचा राष्ट्रीय फैशन प्रोद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) पटना जहाँ नेपाली फिल्म ‘बिफोर यू वर माई मदर’ का प्रदर्शन हुआ
फिल्म फेस्टिवल के अंतिम पड़ाव राष्ट्रीय फैशन प्रोद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) पटना में प्रसूना डोंगोल द्वारा निर्देशित ‘डिकोडिंग जेंडर’ फिल्म का प्रदर्शन हुआ | नेपाली भाषा में निर्मित इस फिल्म के बारे में साउथ एशिया फिल्म नेपाल के के सहायक निदेशक श्री आलोक अधिकारी ने विस्तार से बताया | निफ्ट की एम. एफ. एम. विभाग की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर शेफाली के नेतृत्व में कला और फैशन तकनीक से जुड़े लगभग 200 छात्र छात्राओं के सम्मुख फिल्म को प्रदर्शित किया गया | इस दौरान आशीष प्रकाश पॉल, गेस्ट लेक्चरर तथा अभिनेता रवि कान्त सिंह भी उपस्थित थे | फिल्म का संचालन साउथ एशिया ट्रस्ट नेपाल के प्रोग्राम मैनेजर पावस मनंधर द्वारा किया गया | दर्शक दीर्घा में उपस्थित सभी छात्र छात्राओं द्वारा महिलाओं के संघर्ष तथा उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने जैसे अति संवेदनशील विषय पर प्रदर्शित फिल्म को काफी सराहा गया | इसके लिए उनलोगों ने निफ्ट की तरफ से फिल्म साऊथ एशिया, राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड तथा कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को धन्यवाद दिया | एक्जीबिशन गैलरी में फिल्म फेस्टिवल एवं महिलाओं पर केन्द्रित प्रदर्शनी का भी निफ्ट के छात्र छात्राओं ने अवलोकन किया एवं खुले मन से सराहा |
साउथ एशिया वुमेन फिल्म फेस्टिवल का विधिवत समापन ‘डिकोडिंग जेंडर’ फिल्म के प्रदर्शन के साथ कल दिनांक 08 फरवरी को पटना निफ्ट में किया जायेगा | समापन समारोह में निफ्ट के निदेशक, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर सचिव तथा निदेशक, फिल्म साउथ एशिया के सहायक निदेशक, साउथ एशिया ट्रस्ट के कार्यक्रम प्रबंधक एवं ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट उपस्थित रहेंगे |

प्रेस विज्ञप्ति
साउथ एशिया वुमेन फिल्म फेस्टिवल 2023 – समापन समारोह
दिनांक: 09 फरवरी 2023 स्थान: राष्ट्रीय फैशन प्रोद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) पटना
निफ्ट पटना में 09 फरवरी 2023 को साउथ एशिया वुमेन फिल्म फेस्टिवल का भव्य समापन हुआ |
पटना में फिल्म साऊथएशिया, बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लि. व कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित साउथ एशिया वुमेन फिल्म फेस्टिवल का आज विधिवत समापन हो गया | ये साउथ एशिया महिला फिल्म फेस्टिवल का पहला समारोह था जो 02 फरवरी से शुरू हुआ और 07 दिनों तक चला | जिसमें नेपाल, श्रीलंका, बांगलादेश एवं भारत से कुल 06 फिल्में ‘सीता के बदलते रूप’ ‘फेस कवर’ ‘फ्लेम्स ऑफ अ कंटीन्यूअस फिल्ड ऑफ टाईम’ ‘डिकोडिंग जेंडर’ ‘द सिटी दैट स्पोक टू मी’ ‘बिफोर यू वर माई मदर’ दिखाई गईं | बता दें कि इस फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन मगध महिला कॉलेज में माननीय मंत्री, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग श्री जितेन्द्र कुमार राय द्वारा किया गया था | इस फिल्म फेस्टिवल में श्रंखलाबद्ध तरीके से मगध महिला कॉलेज, चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान तथा राष्ट्रीय फैशन प्रोद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) पटना में हिंदी सहित, अग्रेजी व बांग्ला भाषा तथा साईन लैंग्वेज की फिल्मों का प्रदर्शन किया गया |

समापन समारोह में आज दिनांक 09 फ़रवरी को दर्शक दीर्घा में उपस्थित में फैशन डिजाइन, तकनीक और मैनेजमेंट से जुड़े निफ्ट के छात्र – छात्राओं को संबोधित करते हुए फिल्म साउथ एशिया के सहायक निदेशक, आलोक अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि कला संस्कृति एवं युवा विभाग की यह पहल काफी सराहनीय है और उम्मीद है कि ऐसी पहल निरंतर होती रहेगी|
रेशमा प्रसाद, ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट ने जेंडर की अवधारणा पर छात्र छात्रओ के साथ सारगर्भित चर्चा की और फैशन को जेंडर भेद भाव को खत्म करने का एक सशक्त माध्यम बताया |
दीपक आनंद, अपर सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने अपने संबोधन में इस आयोजन को बिभाग के सचिव श्रीमती बंदना प्रेयशी की मौलिक सोच का परिणाम बताया| उन्होंने भगवदगीता के श्लोक के माध्यम से छात्रों को जीवन में सफलता के लिए आवश्यक 5 गुणों की पहचान करायी| साथ ही कवि रघुवीर सहाय एवं हरिवंश राय बच्चन की कवितायों के माध्यम से क्रमश नारी जीवन और असफलता से निपटने के तरीको पर भी विस्तार से चर्चा की|
निफ्ट के निदेशक, कर्नल राहुल शर्मा ने अपने संस्थान में इस प्रकार के आयोजन के लिए कला संस्कृति एवं युवा विभाग का हृदय से आभार व्यक्त किया | उन्होंने कला को सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना|
बिरेन्द्र प्रसाद, निदेशक, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने इस 7 दिवसीय फिल्म महोत्सव के समापन समारोह में धन्यवाद ज्ञापन करते हुई विभाग के माननीय मंत्री,सचिव ,अपर सचिव, बिहार फिल्म विकास निगम के सभी कर्मी, मगध महिला महाविद्यालय, चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान तथा राष्ट्रीय फैशन प्रोद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) पटना का उनके सहयोग के लिए हृदय से धन्यबाद दिया |
समापन समारोह में भाग लेने वाले सभी मंचासीन गणमान्य को पौधा व प्रतीक चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया | सभी गणमान्य अतिथि, निफ्ट की रश्मि ठाकुर, सहायक प्रोफ़ेसर, अर्चना शेफाली कोंगारी, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, अभिलाषा सिंह, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर तथा अभिनेता रवि कांत सिंह ने समापन समारोह को भव्‍यता प्रदान की और गौरव बढ़ाया |
समापन समारोह के उपरान्त फैशन डिजाइन, तकनीक और मैनेजमेंट से जुड़े निफ्ट के छात्र – छात्राओं के समक्ष ‘डिकोडिंग जेंडर’ फिल्म प्रदर्शित की गई | यह फिल्म निर्देशिका रॉयान शायेमा की व्यक्तिगत यात्रा के माध्यम से एक लैंगिक भूमिका के प्रतिनिधित्व की अंतिम निर्णायक तलाश है | जिसमें एक ट्रांसजेंडर महिला दोहरे जेंडर को समझने और गूढ़ वाचन करने के लिए एक परावर्तक यात्रा के माध्यम से पुरुषों से महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती है | साथ ही पुरुषों और महिलाओं दोनों से ट्रांसजेंडर महिलाओं की पहचान और अधिकारों के लिए सत्यापन की मांग करती है | जिसका उद्देश्य है महिला, पुरुष और ट्रांसजेंडर से अलग नॉन बाईनरी लोग द्वारा सिर्फ खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करना |
फिल्म को देखने के पश्चात छात्र व छात्राओं में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज के बदलते परिवेश में ट्रांसजेंडर पर आधारीत फल्मों के माध्यम से समाज को जागरूक करना अत्यंत प्रासंगिक है | ट्रांसजेंडर तथा नॉन बाईनरी लोगों को भी अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने का अधिकार होना चाहिए | उनकी पहचान को सहजता से स्वीकारते हुए सभी क्षेत्रों में उन्हें समान अवसर उपलब्ध कराना चाहिए | फिल्म महोत्सव तथा महिलाओं के मुद्दों पर संकेंद्रित कला दीर्घा में प्रदर्शित चित्रों का अवलोकन के दौरान भी फैशन डिजाइन, तकनीक और मैनेजमेंट से जुड़े निफ्ट के छात्र – छात्राओं ने भारी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज की |
अंत में निफ्ट प्रबंधन तथा छात्रों द्वारा फिल्म महोत्सव का आयोजन निफ्ट में करने के लिए फिल्म साउथ एशिया तथा कला, संस्कृति व युवा विभाग बिहार सरकार को धन्वाद व्यक्त किया गया |@all media right are reserved

*देश की राजधानी दिल्ली में भारत रत्न लता मंगेशकर की प्रथम पुण्यतिथि पर सुर ताल संगम संस्था ने दी संगीतमयी श्रद्धांजलि* स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर देश विदेश में सुप्रसिद्ध संस्था सुर ताल संगम के प्रमुख पदाधिकारियों और कलाकारों ने देश की राजधानी दिल्ली में एक संगीतमयी श्रद्धांजलि कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न किया। जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आमंत्रित गणमान्य अतिथियों एवं कलाकारों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति और सराहनीय प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम को यादगार बना दिया।सर्वप्रथम मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय सुप्रतिष्ठित संगठन जीकेसी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन प्रसाद और श्रीमती रागिनी रंजन ने विशिष्ट अतिथियों अंसल यूनिवर्सिटी के चीफ डायरेक्टर डॉ आर के यादव, मुंबई से पधारे सुप्रसिद्ध फिल्म गीतकार श्री प्रमोद कुमार खुश, उत्कृष्ट कवि और जाने माने मीडियाकर्मी एजाज हुसैन व सत्य कुमार चंचल तथा विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार एवं कलाकर्मी किशोर श्रीवास्तव सहित संस्था के पदाधिकारियों ने मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्वलन करके सरस्वती स्वरूपा सुर कोकिला लता मंगेशकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इसके बाद संस्था की डायरेक्टर अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त गायिका डॉ जया श्रीवास्तव ने अपने बेटे अविजित के साथ पंडित भीमसेन जोशी और लता मंगेशकर का गाया हुआ युगल भजन राम का गुणगान करिये गाकर प्रथम स्वरांजली भेंट की। फिर लता मंगेशकर के गाये हुए गीतों से श्रद्धांजलि अर्पित करने का संगीतमय सिलसिला देर रात तक दिल्ली के अति प्रतिष्ठित अमीर खुसरो प्रेक्षागार में अनवरत चलता रहा। जिसमें दिल्ली सहित लखनऊ, गांधीनगर, चंडीगढ़, गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, इटावा आदि के सम्मानित अतिथियों एवं कलाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।दिल्ली निवासी नेत्रहीन गायिका मानसी ने ठुमक चलत रामचंद्र गाकर अतिथियों और सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हंसता हुआ नूरानी चेहरा, मेरी आवाज़ ही पहचान है, तेरे लिए हम हैं जिए, जाने कैसे कब कहां, चंदन सा बदन, जाने क्यूं लोग, भोर भरे पनघट पे, अब तो है तुमसे, तेरी आंखों के सिवा जैसी बेहतरीन प्रस्तुतियों के द्वारा नवोदित कलाकार बहनें अमन एवं ऐमन, राखी बिष्ट, डॉ आनंदिता, संदीप, दिवाकर वर्मा, सुमन शर्मा,आशा तिवारी आदि ने जहां अपने गायन से माहौल को सजाया वहीं फिल्म जगत से जुड़े हुए प्रमोद कुमार कुश मीडिया प्रमुख साहित्य कुमार चंचल ने अपने वक्तव्यों एवं उद्बोधन से सभी कलाकारों और दर्शकों को बांधे रखा। सुप्रसिद्ध नृत्यांगना कामना मिश्रा के लता मंगेशकर को समर्पित नृत्य ने सभी का मन मोह लिया।कार्यक्रम का आकर्षक संचालन बहुआयामी व्यक्तित्व किशोर श्रीवास्तव और डॉ जया श्रीवास्तव ने किया।सुमधुर सदाबहार गीतों और नृत्य से सुसज्जित इस कार्यक्रम के अंत में सभी आमंत्रित गणमान्य अतिथियों, कलाकारों और अनेकों स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों को अंगवस्त्र, बुके, स्मृति चिन्ह और माल्यार्पण करके सम्मानित किया गया। पूरे आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए सभी ने सुर ताल संगम के अप्रतिम शानदार प्रयासों की सराहना करते हुए संस्था और समस्त आयोजक मंडल को बधाइयां और शुभकामनाएं प्रेषित कीं तथा भविष्य में भी ऐसे ही स्मरणीय एवं अनुकरणीय गतिविधियों के आयोजन के लिए प्रोत्साहन दिया। सुर ताल संगम की संस्थापिका डॉ जया श्रीवास्तव और संरक्षिका सहर जावेद फारुकी ने बताया कि जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए संस्था कृतसंकल्पित है।@vikkindiamedia ( every solution under one banner )

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*अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय भवन, दिल्ली और महादेवा महोत्सव में सुप्रसिद्ध गायिका डॉ जया श्रीवास्तव का सम्मान* राजधानी दिल्ली में आयोजित भव्य अंतरराष्ट्रीय समारोह में कबीर कोहिनूर अवार्ड से नवाजी गईं अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त गायिका डॉ जया श्रीवास्तव।संत कबीर दास जयंती पर आयोजित सम्मान समारोह में देश विदेश से चयनित विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली महिला एवं पुरुष शख्सियतों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह आदि प्रदान कर सम्मानित किया गया। जिसमें लखनऊ निवासी लोकप्रिय गायिका और समाज सेविका डॉ जया श्रीवास्तव को संगीत और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए देश के अनेकों गणमान्य अतिथियों के द्वारा कबीर कोहिनूर सम्मान से अलंकृत किया गया।साथ ही बीती शाम रामनगर में चल रहे महादेवा महोत्सव में भी जया श्रीवास्तव ने अपने गायन से सभी का मन मोह लिया। अपने कार्यक्रम का शुभारंभ सत्यम शिवम सुंदरम भजन के साथ करते हुए दर्शकों की मांग पर अपने बेटे गायक अविजित श्रीवास्तव के संग ओम नमः शिवाय सुनाया तो उपस्थित जन समुदाय की तालियों की गड़गड़ाहट से पंडाल गूंज उठा। फिर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देते हुए हर कर्म अपना करेंगे, मेरी आवाज़ ही पहचान है, मोरनी बागा मां बोले, हंसता हुआ नूरानी चेहरा, एक प्यार का नगमा जैसे सदाबहार गीतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था। साथी कलाकार के रूप में शामिल हुए अविजित और ऐमन जावेद फारुकी भी भूरि भूरि प्रशंसा के पात्र बने। कार्यक्रम के बाद सभी विशिष्ट अतिथियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने स्मृति चिन्ह आदि भेंट कर जया श्रीवास्तव को शुभकामनाएं देते हुए सम्मानित किया।

Latest update

6th Feb first Death anniversary 2023 Amar Shree Lata Mangeshkar was an Indian playback singer, and music composer. She is considered as one of the most respected playback singers in India. She has recorded songs in over a thousand Hindi films and has sung in over thirty-six regional Indian languages and foreign languages, though primarily in Hindi. She is the recipient of three National Film Awards, twelve Bengal Film Journalists’ Association Awards, four Filmfare Best Female Playback Awards, two Filmfare Special Awards, Filmfare Lifetime Achievement Award and many more. She was also awarded the Bharat Ratna, India’s highest civilian honour in 2001. She was also awarded the Padma Bhushan in 1969, Padma Vibhushan in 1999 and the Dadasaheb Phalke Award in 1989. In 2002, she was also awarded the highest civilian award of France, the Legion of Honour. She was also honoured with the Lata Mangeshkar Award by the Government of Madhya Pradesh in the year 2002. Lata Mangeshkar is the recipient of several awards and recognitions, including the Bharat Ratna, the Padma Vibhushan, the Dadasaheb Phalke Award, the Legion of Honour, and the Lata Mangeshkar Award by the Government of Madhya Pradesh.Lata Mangeshkar is one of the most famous playback singers in the history of Indian cinema. She was born in 1929 into a musical family in Indore, Madhya Pradesh. Her father, Pandit Deenanath Mangeshkar, was a stage actor and classical singer. Her siblings, including elder sister Asha Bhosle and younger brother Hridaynath Mangeshkar, were also singers. Lata Mangeshkar began her singing career at the age of 13 with the Marathi film Kiti Hasaal (1942). She soon established herself as one of the most in-demand playback singers in the Hindi film industry. She was known for her impeccable singing technique, versatility, and sweet voice. She went on to record songs in over 36 languages and has sung over a thousand songs. During her career, Lata Mangeshkar has won numerous awards, including the Bharat Ratna, the highest civilian honor in India. She also holds the record for most Filmfare Awards won by any singer. Despite her immense success and fame, Lata Mangeshkar has had her share of struggles. She had to struggle to make a name for herself in the industry and had to take care of her siblings after her father’s death in 1942. She also had to face criticism for her accent and her style of singing. Despite all this, she has gone on to become one of the most famous singers of all time. AMAR SHREE Lata Mangeshkar is one of the most celebrated singers in India and around the world. She has recorded songs in over 36 Indian and foreign languages. Her most popular and iconic songs include: 1. “Ae Mere Watan Ke Logon” (1962) – Hindi 2. “Lag Ja Gale” (1964) – Hindi 3. “Ek Pyar Ka Nagma Hai” (1972) – Hindi 4. “Chalte Chalte” (1976) – Hindi 5. “Ae Malik Tere Bande Hum” (1984) – Hindi 6. “Ae Mere Dil Kahin Aur Chal” (1985) – Hindi 7. “Didi Tera Devar Deewana” (1995) – Hindi 8. “Hum Aapke Hain Koun” (1994) – Hindi 9. “Tera Mera Pyar” (1996) – Hindi 10. “Chalte Chalte” (1997) – Hindi 11. “Om Jai Jagdish Hare” (1998) – Sanskrit 12. “Koi Mil Gaya” (2003) – Hindi 13. “Ghar Se Nikalte Hi” (2004) – Hindi 14. “Tum Hi Ho” (2013) – Hindi 15. “Ae Watan” (2018) – Hindi 16. “Tere Bina” (2020) – Hindi 17. “Tere Liye” (2020) – Hindi 18. “Aye Mere Dil Bata” (2020) – Hindi In addition to these songs, Lata Mangeshkar has also sung songs in other languages like Gujarati, Kannada, Marathi, Punjabi, Tamil, Telugu, Urdu, Bengali, and Malayalam.6th Feb first Death anniversary 2023 Amar Shree Lata Mangeshkar was an Indian playback singer, and music composer. She is considered as one of the most respected playback singers in India. She has recorded songs in over a thousand Hindi films and has sung in over thirty-six regional Indian languages and foreign languages, though primarily in Hindi. She is the recipient of three National Film Awards, twelve Bengal Film Journalists’ Association Awards, four Filmfare Best Female Playback Awards, two Filmfare Special Awards, Filmfare Lifetime Achievement Award and many more. She was also awarded the Bharat Ratna, India’s highest civilian honour in 2001. She was also awarded the Padma Bhushan in 1969, Padma Vibhushan in 1999 and the Dadasaheb Phalke Award in 1989. In 2002, she was also awarded the highest civilian award of France, the Legion of Honour. She was also honoured with the Lata Mangeshkar Award by the Government of Madhya Pradesh in the year 2002. Lata Mangeshkar is the recipient of several awards and recognitions, including the Bharat Ratna, the Padma Vibhushan, the Dadasaheb Phalke Award, the Legion of Honour, and the Lata Mangeshkar Award by the Government of Madhya Pradesh.Lata Mangeshkar is one of the most famous playback singers in the history of Indian cinema. She was born in 1929 into a musical family in Indore, Madhya Pradesh. Her father, Pandit Deenanath Mangeshkar, was a stage actor and classical singer. Her siblings, including elder sister Asha Bhosle and younger brother Hridaynath Mangeshkar, were also singers. Lata Mangeshkar began her singing career at the age of 13 with the Marathi film Kiti Hasaal (1942). She soon established herself as one of the most in-demand playback singers in the Hindi film industry. She was known for her impeccable singing technique, versatility, and sweet voice. She went on to record songs in over 36 languages and has sung over a thousand songs. During her career, Lata Mangeshkar has won numerous awards, including the Bharat Ratna, the highest civilian honor in India. She also holds the record for most Filmfare Awards won by any singer. Despite her immense success and fame, Lata Mangeshkar has had her share of struggles. She had to struggle to make a name for herself in the industry and had to take care of her siblings after her father’s death in 1942. She also had to face criticism for her accent and her style of singing. Despite all this, she has gone on to become one of the most famous singers of all time.

Gujarati 1. “Ae Mere Dil Kahi Aur Chal” – released in 1963 2. “Maine Tere Liye Hi Saat Rang Ke Sapne Chune” – released in 1975 3. “Chhod De Saari Duniya” – released in 1964 4. “Ek Pyar Ka Nagma Hai” – released in 1972 5. “Hum Aapke Hain Koun” – released in 1994 6. “Aaj Mausam Bada Beimaan Hai” – released in 1971 7. “Kya Hua Tera Wada” – released in 1969 8. “Chalte Chalte” – released in 1976 9. “Lag Ja Gale” – released in 1964 10. “Tere Bina Zindagi Se Koi” – released in 1975 Kannada 1. “Hosa Jeevana Teeru” – released in 1964 2. “Hrudaya Samudra Thilaka” – released in 1972 3. “Neenendare Nenapugalu” – released in 1967 4. “Ee Bhoomi Aa Bhanu” – released in 1968 5. “Kelade Nodu” – released in 1973 6. “Yaaradu Yaaradu” – released in 1968 7. “Kanasu Helide Neevu” – released in 1964 8. “Kelade Nodu” – released in 1973 9. “Neenendare Nenapugalu” – released in 1967 10. “Yaaradu Yaaradu” – released in 1968 Marathi 1. “Yugachya Dari Aalo” – released in 1975 2. “Apsara Aali” – released in 1972 3. “Kon Ahe Kon Jhare” – released in 1967 4. “Ganpati Bappa Morya” – released in 1971 5. “Aai Aai Aai Mana Ghe Re” – released in 1964 6. “Chitra Chitra” – released in 1972 7. “Ya Gahiro Ya Khataro” – released in 1968 8. “Hrudaya Samudra Thilaka” – released in 1972 9. “Majhi Pahili Hi Mula” – released in 1975 10. “Mala Maaruthiye” – released in 1967 Punjabi 1. “Chad Ke Na Jaa” – released in 1967 2. “Kehna Galat Galat” – released in 1971 3. “Chithi Aayi Hai” – released in 1975 4. “Aaja Ve Mahi” – released in 1972 5. “Mera Dil Tere Liye” – released in 1964 6. “Aaja We Mahi” – released in 1972 7. “Chad Ke Na Jaa O Piya” – released in 1967 8. “Tere Bina Zindagi Se” – released in 1975 9. “Ishq Di Maari” – released in 1972 10. “Tere Mere Beech Mein” – released in 1971 Tamil 1. “Kadhal Rojave” – released in 1991 2. “Mouna Ragam” – released in 1986 3. “Mannil Intha Kadhal” – released in 1971 4. “Uyire Uyire” – released in 1998 5. “Vaidehi Kaathirundhal” – released in 1984 6. “Uyiril Thodum” – released in 1977 7. “Kunjirukkum Kalangal” – released in 1975 8. “En Uyir Thozhiye” – released in 1990 9. “Deivam Thandha Veedu” – released in 1990 10. “Kanne Kalaimaane” – released in 1980 Telugu 1. “Idhi Prema Katha” – released in 1993 2. “Chukkallo Chandrudu” – released in 1987 3. “Sagara Sangamam” – released in 1983 4. “Rudhra Veena” – released in 1988 5. “Chal Mohan Ranga” – released in 1982 6. “Sankarabharanam” – released in 1980 7. “Krishnaveni” – released in 1974 8. “Karthika Deepam” – released in 1976 9. “Saptapadi” – released in 1981 10. “Kadhal Parisu” – released in 1987 Urdu 1. “Ae Mere Humsafar” – released in 1967 2. “Gulon Mein Rang Bharay” – released in 1968 3. “Pardah Hai Pardah” – released in 1977 4. “Tere Bina Zindagi Se” – released in 1975 5. “Aaj Jane Ki Zid Na Karo” – released in 1971 6. “Tum Agar Saath Dene Ka Vada Karo” – released in 1969 7. “Jeena Yahan Marna Yahan” – released in 1965 8. “Chookar Mere Man Ko” – released in 1980 9. “Lagta Nahin Hai Dil Mera” – released in 1983 10. “Jhuki Jhuki Si Nazar” – released in 1975 Bengali 1. “Koto Je Tomar Ami” – released in 1976 2. “Amanush” – released in 1975 3. “Ei Poth Jodi Na Sesh Hoye” – released in 1977 4. “Tumi Je Amar” – released in 1971 5. “Ei To Jiban Re” – released in 1972 6. “Tumi Robe Nirobe” – released in 1985 7. “Tumi Ele Tai” – released in 1974 8. “Chirodini Tumi Je Aamar” – released in 1978 9. “Ektu Chhowa Rakhoni” – released in 1989 10. “Aaj Mon Cheyechi Tomay” – released in 1985 Bhojpuri 1. “Ae Raja Ji Baja Baji Ki Na Baji” – released in 1971 2. “Kismat Ke Laikha Naikhe Bichar” – released in 1978 3. “Chalat Musafir Moh Liya Re” – released in 1979 4. “Mane Na Mana Jiya” – released in 1980 5. “Ae Sanam Tere Liye Bani” – released in 1979 6. “Ghar Aaja Pardesi” – released in 1994 7. “Jab Tumhare Dil Se Awaaz De” – released in 1976 8. “Humka Peeni Hai” – released in 1996 9. “Tohara Se Pyar Ho Gail” – released in 1989 10. “Kareja Mein Samajh Na Aave” – released in 1995 Malayalam 1. “Kanne Kalaimaane” – released in 1980 2. “Kadavathoru Thoni” – released in 1982 3. “En Kilum Ninne Thedi” – released in 1984 4. “Kannum Kannum Kollaiyadithal” – released in 1985 5. “Manjil Virinja Pookkal” – released in 1980 6. “Koodevide” – released in 1983 7. “Mele Mele Manam” – released in 1986 8. “Parayan Maranna Paribhavangal” – released in 1979 9. “Chiriyo Chiri” – released in 1982 10. “Kammara Sambhavam” – released in 1984

Lata Mangeshkar is one of the most celebrated and renowned singers of India, with an extraordinary career spanning over seven decades. She has recorded songs in over 20 Indian languages, including Hindi, Marathi, Gujarati, Tamil, Telugu, Kannada, Malayalam, Assamese, Bengali, Urdu, Punjabi, Nepali, Oriya, Bhojpuri, Konkani, Sindhi, Dogri, Maithili, Sanskrit, Santali, and English. Some of her most popular and well-known songs in all the languages mentioned above include: Odia • Chanda Re – Jeevan Re • Chir Chir Chanda – Danda Pahar • Sakhigala Tumari – Jaga Hatare Pagha Nepali • Ma Timi Bina – Pahilo Junima • Aakha Uthne Chaal – Pahilo Prem • Bhana Deu – Pahilo Prem Manipuri • Amukta Eina Nungshi – Kukur Khut Khut • Kanglei Angaoba – Yaiskul Lamja Pao • Thamoi Amasung Ngaokhol – Yaiskul Lamja Pao Sanskrit • Bhaja Govindam – Bhaja Govindam • Dheemahi – Dheemahi • Bhavayami Gopalabalam – Bhajagovindam

Assamese • Aaji Aai Mon – Angaraag Mahanta • Mon Pani – Angaraag Mahanta • Jodi Padoson – Angaraag Mahanta Dogri • Tere Naal – Khed Uthi Mere Man • Aaja Aaja – Khed Uthi Mere Man • Sajna – Khed Uthi Mere Man Maithili • Nachini Bhayil – Bidesiya • Aaja Holi – Bidesiya • Mere Tohar – Bidesiya Sindhi • Aj Lagan Lagan – Kaanch Kaani • Mere Pyar Ki – Kaanch Kaani • Ruhani Raat – Kaanch Kaani Santali • Jhulan Jhulan – Kala Kala • Sona O Sona – Kala Kala • Koi Piyar – Kala Kala Konkani • Tum Mogan De – Movli • Jivit Tumkam – Movli • Kite Naam – Movli

English • Aye Mere Watan Ke Logon – Aye Mere Watan Ke Logon • Dil Deewana – Maine Pyar Kiya • Tujhe Dekha To Yeh Jaana Sanam – Dilwale Dulhania Le Jayenge

Lata Mangeshkar is a legendary Indian playback singer and music director. She has received several awards throughout her career, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian honor. She has sung for many of the top music directors of Bollywood, including Naushad Ali, Madan Mohan, R.D. Burman, Laxmikant-Pyarelal, and A.R. Rahman. Some of her most popular songs include “Ajeeb Dastan Hai Yeh” (Dil Apna Aur Preet Parai, 1960), “Piya Tu Ab To Aaja” (Caravan, 1971), “Lag Jaa Gale” (Woh Kaun Thi, 1964), “Kya Hua Tera Wada” (Hum Kisise Kum Naheen, 1977), and “Tere Bina Zindagi Se” (Aandhi, 1975). She has also released numerous albums, including her solo albums Aap Ki Kasam (1973) and Dil Padosi Hai (1985). Lata Mangeshkar’s music is available through several music companies, including T-Series, Sony Music, Universal Music, and EMI.

Lata Mangeshkar is one of the most renowned singers of the Indian subcontinent. She has recorded songs for over a thousand Hindi films and has sung in over thirty-six regional Indian languages and foreign languages, though primarily in Hindi and Marathi. She has won four Bharat Ratna awards, the highest civilian honor in India and numerous other awards. Record Labels: 1. Saregama 2. EMI 3. Yash Raj Music 4. Universal Music India 5. Sony Music India 6. HMV 7. T-Series Music Composers Name List Wise: 1. Madan Mohan 2. Naushad 3. Shankar-Jaikishan 4. O.P. Nayyar 5. Laxmikant-Pyarelal 6. Anand-Milind 7. Ravindra Jain 8. R.D. Burman 9. A.R. Rahman 10. Vishal-Shekhar

Lata Mangeshkar is a world-renowned Indian playback singer and music composer. She is widely regarded as one of the greatest singers of the Indian subcontinent. She has performed in more than 20 languages and recorded songs for over a thousand Hindi films. She has been honored with numerous awards, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian award. In addition to her musical career, Lata Mangeshkar is also known for her philanthropic work. She has established and supported numerous music schools, foundations, trusts, and events companies in India and abroad. Some of the most notable include:

Music Schools: 1. Lata Mangeshkar Music Academy, Mumbai 2. Lata Mangeshkar Institute of Music and Performing Arts, Pune 3. Lata Mangeshkar School of Music, Hyderabad Foundations & Trusts: 1. Lata Mangeshkar Charitable Trust, Mumbai 2. Lata Mangeshkar Smruti Pratishthan, Pune 3. Lata Mangeshkar Foundation, Nagpur Abroad: 1. Lata Mangeshkar International Music Festival, United Kingdom 2. Lata Mangeshkar International Music Concert, United States 3. Lata Mangeshkar Music Festival, Dubai Events Companies: 1. Lata Mangeshkar Events, Mumbai 2. Lata Mangeshkar Performance Arts, Delhi 3. Lata Mangeshkar International Events, Kolkata

*सुर ताल संगम वार्षिकोत्सव के अवसर पर भव्य संगीत समारोह का आयोजन ओमेक्स सिटी वासियों के लिए यादगार बन गया – बशिष्ठ नारायण सिंह*अपने अनूठे और बेहतरीन आयोजनों के लिए सुप्रसिद्ध संस्था सुर ताल संगम का ग्यारहवां स्थापना दिवस एक भव्य संगीत समारोह के रूप में ओमेक्स सिटी में स्थापित ओमेश्वर महादेव मंदिर परिसर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक तथा संरक्षक सेवा निवृत्त कस्टम कमिश्नर श्री बशिष्ठ नारायण सिंह के सौजन्य से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग किया संस्था के मुख्य संरक्षक एवं वरिष्ठ संगीतकार श्री केवल कुमार ने। संस्था की डायरेक्टर एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध गायिका डॉ जया श्रीवास्तव ने बताया कि इस आयोजन की रुपरेखा तैयार करने तथा विधिवत संयोजन में संगीत आस्तिक श्री बशिष्ठ नारायण सिंह ने अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने इस सफल कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के लिए शुभेच्छा प्रकट की।कार्यक्रम का शुभारंभ ईश वंदना एवं भजनों के द्वारा केवल कुमार ने किया, साथ ही उप शास्त्रीय गायन में मंजूषा मिश्रा ने ठुमरी दादरा आदि विधाओं में गायन प्रस्तुत किया। श्रोताओं को भोजपुरी लोकगीतों का आनंद अच्छेलाल सोनी ने दिया तथा बशिष्ठ नारायण सिंह ने अपने चिर परिचित अंदाज में संचालन और विभिन्न रागों की रचनाओं सहित फिल्म संगीत का प्रदर्शन कर समां बांध दिया।ओमेक्स सिटी निवासी राजीव स्वामी और धर्मेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव ने अपने गीतों से मोहम्मद रफी को याद किया तो कृष्णा स्वामी ने किशोर कुमार के गीतों से माहौल में रंग जमाया। भावेश अस्थाना ने एस डी बर्मन की रचनाएं प्रस्तुत कीं। सुप्रिया ने भजन और रीना शुक्ला ने फिल्मी गीत पेश किए।डॉ जया श्रीवास्तव ने राग दरबारी में भजन सुनाया। पुणे से आयीं सिद्धहस्त कलाकार आद्या श्रीवास्तव और लोकप्रिय गायक अविजित ने राग भूपाली में रचित शिव भजन, राग भैरवी की रचना, बृज भाषा में लोकगीत आदि प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी। सुर ताल संगम की आफीशियल सिंगर ऐमन ने कुहू कुहू बोले कोयलिया गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बशिष्ठ नारायण सिंह और रीना ने अपने युगल गीतों से माहौल को मस्ती से भर दिया।कार्यक्रम के अंत में निर्णायक मंडल में शामिल श्री युधिष्ठिर सिंह, अभिषेक द्विवेदी, संध्या शिरोमणि एवं अंजू बोस ने अविजित और आद्या को प्रथम, अच्छेलाल को द्वितीय और मंजूषा को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया। डॉ नीलेश अग्रवाल और युधिष्ठिर सिंह ने इस सफल आयोजन के लिए बशिष्ठ नारायण सिंह, डॉ जया श्रीवास्तव, केवल कुमार सहित मनोज चंदेल, मुन्ना अनवर, सत्यम सिंह, सोनी त्रिपाठी, वाहिद खान, नवीन मिश्रा और बाल कलाकार संकल्प आदि सभी संगतकारों की प्रशंसा करते हुए ऐसे कार्यक्रमों की पुनरावृत्ति होने की कामना की।इस अवसर पर सुर ताल संगम संस्था के पदाधिकारियों में सहर जावेद फारुकी, सुमन शर्मा, सीमा सिंह, रश्मि कुमारी, सीमा श्रीवास्तव , आभा एवं राजेश्वरी सिंह आदि ने सम्मानित कलाकारों और अतिथियों को अंगवस्त्र पुष्प गुच्छ तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।@vikkindiamedia

https://youtu.be/iVvTsEenpss

Khatu music per 🌄Mohit sai jee 🌄ka yeh bhajan vishwa ke sareh bhakti mandal 💐khatu baba parivaar aur media parivaar ko v bahut accha lagah … ShreeRam darbaar jo shreeRam jee ka vishwa priyeh ayodhya dham per v bhajans hai 💐💐bahut hi jald apke beech humdono ka aur kuch shreeram jee ke bhakto keh blessing se ek Divya bhakti devotional series ap sabke beech aah rahi hai mere acche dost hai devotional event ke liyeh humesha aap humare event management team se sampark ker sakteh hai … @ jai shree khatu baba ki jai jai kaar karu mere bhakto ki pukaar sun leh aye daata mere shyama dulare tere mein kaise sukrana karu… Sukrana karu… Bus shree Shyam baba ki Divyajyoti se sajat Tera darbaar karu … 💐💐💐💐💐💐💐💐 If you like then comment us in massage box ( hare krishna ) and for bhakti jagrans massage us ( jai khatushyamji) …. Listen shayam shayam bol Tera berah paar hai darbaar ek dafa vikkindiaevents neh agar Sawarah toh Tera behra paar hai …

🌎Inside us there is whole universe 💐jai Radhakrishna om shanti shanti om 🌎guru mata jee apke Charan kamal mein hi charoh dham hai her janam mein radhakrishna jee mil chuke mujhko kyu ki apke karunamayi ser peh mehroh hath hai 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 if you will chant Om then you can connect you soul to universal cosmic energy that is * parmananda radhika krishna murari ( om shanti om hare krishan om radhekrishna om )

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उनकर जटा के बाल घुमावदार रहे, आ गरदन पानी के धार से ढंकल रहे।भगवान शिव हमनी के दम दम दम दम दम दम दम के उग्र नाच के शुभ ध्वनि प्रदान करस

बाल से बहत पानी गला के शुद्ध करेला,
आ ओकरा गला में एगो साँप बा जवन हार नियर लटकल बा,
आ डफ दम दम दम के आवाज
करते, भगवान शिव नच रहल बाड़े शुभ तांडव, उ हमनी सब के समृद्धि प्रदान करस।

जटकट्ट हशंभरम भ्रामणिलिम्पनिर्जी विलोल्वचिवलारी विराजमनमूर्धानी।
हमार जुनून हर पल ओह नवही चंद्रमा के चोटी खातिर बा जेकर माथा धधकत आग जइसन बा

हमरा शिव में गहिराह रुचि बा,
जेकरा माथा पर अलौकिक नदी गंगा के बहत लहरन के धारा बा,
बाल के जटा के गहिराई में बहत?
जेकर माथा आग के आग से धधकत बा,
आ जे अपना माथा पर अर्धचंद्र के आभूषण पहिरेला।

धराधरेन्द्रनन्दिनी विलासबंधुबंधुरा स्फुरदीगंतसांति प्रमोद मनमनसे।
संकट के कठिन समय में करुणा दृष्टि के दरवाजा बंद होखे, कबो दिव्य वस्त्र में, मन के सुख के पात्र।

भगवान शिव में हमार मन के आनंद मिले,
जेकरा मन में अद्भुत ब्रह्मांड के सब जीव रहेला,
जवना के पत्नी पार्वती हई, जे पहाड़ के राजा के बेटी हई,
जे अपना दयालु नजर से हर जगह व्याप्त असाधारण विपत्तियन के काबू में राखेले,
आ जेकरा के दिव्य लोक अपना वस्त्र निहन पहिरेले।

लट बाल, बांह, गुलाबी, चमकत पूंछ, रत्न, कदम्बा, केसर तरल, धुँआ के दिशा में पड़ा।
समाधि के सागर चमकत रहे आ ऊपर के वस्त्र मन के आनन्द खातिर अद्भुत रहे।

सब जीवन के संरक्षक भगवान शिव में अनुपम आनंद मिलल,
उनकर रेंगत साँप के हुड लाल-भूरा आ रत्न चमकत बा,
दिशा के देवी के सुन्दर चेहरा पर अलग-अलग रंग फैला रहल बा,
जवन एगो विशाल नशा में धुत्त हाथी के चमड़ी से बनल चमकत दुशाला से ढंकल बा।

सहस्रलोचन प्रभृत्यशेस्लेख शेखर प्रसुन्धुलिधोरानी विधुस्रन घरीपीठभू।
भुजजमलाया निज जजुटके श्रीचिरायजयी चकोरबंधुशेखख ॥५॥

भगवान शिव हमनी के समृद्धि के आशीर्वाद दें,
जेकर मुकुट चंद्रमा ह,
जेकर बाल लाल नाग के हार से बान्हल बा,
जवना के गोड़ फूल के धूल के बहाव से अन्हार हो जाला,
जवन इंद्र, विष्णु आदि देवता के सिर से गिरेला।

ललटचतवारजवाल धनंजयसफुलिंगभा निपितपंच सैकन्नम न्निलिम्पनायकम्।
सुधाम्युक्खलेखाया विराजमंशेखरण महाकपालीसमपदे शिरोजतलमस्तुन: ॥६॥

हमनी के शिव के केश के उलझल ताला से सिद्धि के धन प्राप्त करे,
जे कामदेव के माथा पर आग के चिंगारी जरत नाश कइले,
जेकरा के सब आकाश के स्वामी लोग आदर करेला,
जवन आधा चाँद से सजल बा।

करलभलपट्टिका दगद्धगद्धगज्जवल धनंजय धरीकृतप्रचण्ड पंचसायके।
धराधरें द्रेंदिनिचाग्रिचित्रपत्रिका योजना योजना शिलापिनी के लोचनारतिर्मम ॥७॥

तीन आँख वाला भगवान शिव में हमरा रुचि बा,
जे पराक्रमी कामदेव के आग चढ़वले,
दगद दगद के आवाज से उनकर उग्र माथा के सतह जरत बा…
उहे अकेला कलाकार हवें जे पार्वती के छाती के नोक पर, पार्वतीराज के बेटी,
सजावटी रेखा खींचे में माहिर।

नवीन मेघमंडली निरुद्ध दुर्धरपुर त्कुहुनिषिठ्नीतम: प्रब्धाबद्धकन्धर।
निलिम्पनिर्झरिधरस्तानोतु कृतिसिंधुर: कलानिधनबंधुर: श्रीम जगंधुरन्धर: ॥८॥

भगवान शिव हमनी के समृद्धि के आशीर्वाद दें,
उहे ह जे पूरा दुनिया के बोझ उठावेला,
केकर सुंदरता चाँद ह, .
केकरा लगे अलौकिक नदी गंगा,
जेकर गर्दन अमावस्या के आधा रात जइसन करिया बा बादर के परत से ढंकल।

प्रफुल्लनिलपंकज प्रपंचकलिमप्रभा विदम्बी कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधराम।
स्मराच्छिदम पुरच्छिंद भवच्छिदम मखाच्छिदम गजच्छिदंडकच्छिदम तामन्तकच्चिदम भजे ॥९॥

मंदिरन के चमक से कंठ बान्हल भगवान शिव से प्रार्थना करत बानी,
पूरा खिलल नील कमल के फूल के मर्यादा से लटकल,
जवन ब्रह्मांड के करियापन जइसन लउकेला।
कामदेव के के मारे जा रहल बा, जे त्रिपुरा के अंत कइले,
जे सांसारिक जीवन के बंधन के नाश कइलस, जे बलिदान के अंत कइलस,
के नाश कइलस आन्हर राक्षस, जे हाथी मारे वाला बा,
आ जे मृत्यु के देवता यम के हरा दिहलस।

आखरवसर्वमंगला कालकदम्बमंजरी रासप्रवाह माधुरी विजरीम्भना मधुव्रतम।
स्मरणटकन पुरातकम भवन्तकम मखंतकम गजन्तकन्धकान्तक तामन्तकान्तक भजे ॥१०॥

भगवान शिव से प्रार्थना करत बानी, जेकरा चारो ओर मधुमक्खी उड़त बाड़ी स
शुभ कदम्बा फूलन के सुन्दर गुच्छा से आवत मधु के मधुर सुगंध के कारण,
कामदेव के के मारे जा रहल बा, जे त्रिपुरा के अंत कइले,
जे सांसारिक जीवन के बंधन के नाश कइलस, जे बलिदान के अंत कइलस,
के नाश कइलस आन्हर राक्षस, जे हाथी मारे वाला बा,
आ जे मृत्यु के देवता यम के हरा दिहलस।

जयत्वद विभ्रम विद्ध भाद्भुजमस्विदा गगद्विविगमताकराल हवित।
धिमिद्धिमिद्धि मिध्वनमृदंग तुंगमंगलध्वनिक्रम प्रवर्तित: प्रचण्ड तांडव: शिव: ॥११॥

शिव, जिनकर तांडव नाच मंद आ मंद बा
तेज आवाज एह धारावाहिक के लय में बा,
जेकर माथा आग बा, ऊ आग साँप के साँस से फइलत बा,
मर्यादित आसमान में भटकत बानी।

ऊ देखलस कि ओकर साँप-मोती के अजीब बिछौना, होठ पर कुलीन रत्न, पाँख में दोस्त आ दुश्मन।
सदाशिव भगवान के पूजा कब करब, जेकर आँख घास के कमल निहन बा अवुरी जेकर मन बाल, धरती अवुरी महान इंद्र में समान रूप से लागल बा। सम्राट आ प्रजा, भूसा कमल, मित्र आ दुश्मन, अनमोल रत्न आ धूड़ के ढेर, नाग नियर हाथ

भगवान सदाशिव के पूजा कब कर पाईब। आ हरावे खातिर आ दुनिया में अलगा

कवन-कवन रूप होला? बगइचा के गुफा में निलिम्पा के धारा कब निवास करी, सब कुविचार से मुक्त, हरदम माथा पर फूल लेके। जब हमार आँख खुलल होई आ हमार लाल दाढ़ी हमरा से सटल होई त हम कब ‘हे शिव’ के जयकारा लगा के खुश होखब।

आकाशीय नदी गंगा के पास एगो गुफा में रहत, हर समय माथा पर हाथ जोड़ के,
शिव मंत्र जपत, धोवत आपन दूषित विचार
करत घरी हम कब बड़का माथा आ जिंदा आँख से प्रभु के खुश कर सकीले?

जे लगातार एह परम मुक्त मुक्त मुक्त स्तोत्र के पाठ, स्मरण आ जपत होई, ओकरा पवित्रता के प्राप्ति होई।
हरि के प्रति बढ़िया भक्ति से आध्यात्मिक गुरु के जल्दीए भगवान सुशंकर के चिंतन करे के कवनो दोसर रास्ता ना मिलेला।

जे एह स्तोत्र के पाठ करेला, याद करेला आ पाठ करेला
करेला ऊ सदा खातिर पवित्र हो जाला आ महान गुरु शिव के भक्ति प्राप्त करेला।
एह भक्ति के दोसर कवनो उपाय भा उपाय नइखे.
शिव के विचार से ही भ्रम दूर हो जाला।

सद्गुरु : रावण शिव के बड़ भक्त रहले, आ उनुका बारे में बहुत कहानी बा। भक्त के महान होखे के जरूरत नइखे बाकिर ऊ एगो बड़हन भक्त रहले. ऊ दक्खिन से एतना दूर सफर क के कैलाश अइले – हम चाहत बानी कि रउरा त बस कल्पना करीं, एतना दूर पैदल चल के – आ ऊ शिव के गुणगान गावे लगले. उनकर एगो ढोल रहे, जवना के ताल पर उ तुरंत 1008 छंद के रचना कईले, जवना के शिव तांडव स्तोत्र के नाम से जानल जाला।

शिव जी उनकर संगीत सुन के बहुते खुश आ मोहित हो गइली. रावण गावत चल गइलन, आ गीत के साथे-साथे ऊ दक्खिन से कैलाश चढ़े लगलन. जब रावण लगभग शीर्ष पर आ गइलन, आ शिव उनका संगीत से मंत्रमुग्ध हो गइलन त पार्वती एगो आदमी के ऊपर आवत देखली.

अब ऊपर, शिखर पर खाली दू लोग खातिर जगह बा। त पार्वती शिव के अपना उमंग से बाहर निकाले के कोशिश कईली। ऊ कहली, “ऊ आदमी ठीक ऊपर आ गइल बा”.

अब ऊपर, शिखर पर खाली दू लोग खातिर जगह बा। त पार्वती शिव के अपना उमंग से बाहर निकाले के कोशिश कईली। ऊ कहली, “ऊ आदमी ठीक ऊपर आ गइल बा”. बाकिर शिव जी अबहियों संगीत आ कविता के मस्ती में लीन रहले. आखिरकार पार्वती उनुका के संगीत के उमंग से बाहर निकाले में कामयाब हो गईली। आ जब रावण चोटी पर पहुँचल त शिव उनका के गोड़ से नीचे धकेल दिहलन. कैलाश के दक्खिन मुँह से फिसलत रावण गिर गइल। कहल जाला कि उनकर ढोलक उनका पीछे पीछे चलत रहे आ रावण नीचे उतरत घरी उनकर ढोल पहाड़ से नीचे, ऊपर से नीचे तक एगो लकीर बना दिहलस।कैलाश के दक्षिणी चेहरा के देखला पर एगो इहाँ से क… निशान नीचे आवत बा।

कैलाश के एक चेहरा आ दोसरा चेहरा में भेद भा भेद कइल ठीक नइखे बाकिर कैलाश के दक्षिणी चेहरा हमनी के अधिका प्रिय बा काहे कि अगस्त्य मुनि कैलाश के दक्षिणी चेहरा में विलीन हो गइलन. त शायद ई खाली दक्षिण भारतीय पूर्वाग्रह ह कि हमनी के कैलाश के दक्षिणी चेहरा अधिका पसंद बा, आ हमरा लागत बा कि ई सबसे सुन्दर बा. इ सबसे उज्जर भी ह काहे कि इहाँ बहुत बर्फ बा।

कई मायने में एह माउथपीस में सबसे जादा तीव्रता बा। लेकिन कैलाश के दक्खिन मुँह के ओर जाए वाला लोग बहुत कम बा। ई बहुत दूर के बा आ ओहिजा पहुँचल कम लोग के संभव बा, काहें से कि एकर रास्ता बाकी मुँह से बहुत कठिन बा आ कुछ खास किसिम के लोग ही ओहिजा जा सके ला।

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शिव स्तोत्र के बा

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